नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 2446 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को मंजूरी

नमामि गंगे कार्यक्रम, Union Minister for Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Sushri Uma Bharti, Vice Chairman, NITI Aayog, Dr. Arvind Panagariya

04-मई, 2016: नमामि गंगे कार्यक्रम को महत्‍वपूर्ण गति प्रदान करते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की अधिकार प्राप्‍त संचालन समिति ने उत्‍तराखंड में हरिद्वार से उत्‍तराखंड की सीमा तक, उत्‍तर प्रदेश में गढ़मुक्‍तेश्‍वर, बिहार में बक्‍सर, हाजीपुर और सोनपुर, झारखंड में साहेबगंज, राजमहल और कन्‍हैया घाट में गंगा के तट पर तथा दिल्‍ली में यमुना पर घाटों और श्मशान स्‍थलों के विकास की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 2446 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इन स्‍थानों पर घाटों और श्‍मशान स्‍थलों के विकास से गंगा और यमुना में प्रदूषण में कमी आयेगी। इन सभी परियोजनाओं को केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत कार्यान्वित किया जाएगा और इनका पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठायेगी।

नमामि गंगे एक बेहद महत्वपूर्ण प्रयास है गंगा को स्वच्छ रखने का|

संचालन समिति ने गंगा के किनारे वन लगाए जाने के बारे में विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट की भी समीक्षा की। इस रिपोर्ट में गंगा के किनारे बड़ी मात्रा में वनों का निर्माण करके नदी में जल प्रवाह को बढ़ाने और प्रदूषण को कम करने के सुझाव दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें गंगा के किनारे के पांच राज्‍यों में गंगा से सं‍बंधित विभिन्‍न अध्‍ययनों को बढ़ावा देना और इस परियोजना की सफलता को देश की अन्‍य नदियों के संबंध में इस्‍तेमाल किया जाना शामिल है। इस परियोजना पर पांच वर्ष की अवधि के दौरान 2294 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।

मंजूर की गई सभी परियोजनाओं की समीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थानों के समूह द्वारा गठित स्‍वतंत्र इकाईयों द्वारा की गई। गंगा के किनारे वन लगाने के उपायों की समीक्षा वन और पर्यावरण मंत्रालय के महानिदेशक की अध्‍यक्षता में गठित समिति ने की।

अधिकार प्राप्‍त संचालन समिति की अध्‍यक्षता केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव करते हैं। समिति के अन्‍य सदस्‍यों में केंद्रीय वन और पर्यावरण, वित्‍त, शहरी विकास और विद्युत मंत्रालय के प्रतिनि‍धियों के अलावा गंगा किनारे के पांच राज्‍यों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

यहां यह उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती दैनिक आधार पर स्‍वयं नमामि गंगे कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा कर रही हैं ताकि इस कार्यक्रम की सफलता मिशन मोड पर सुनिश्चित की जा सके। हाल ही में राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन में नए मिशन निदेशक की नियुक्ति भी की गई है। यह पद पिछले कुछ महीनों से रिक्‍त था।