बांध सुरक्षा परियोजना के लिए केंद्रीय जल आयोग का दो प्रमुख संस्थानों के साथ करार

केंद्रीय जल आयोग, आईआईटी मद्रास, भारतीय विज्ञान संस्‍थान बंगलूरू, बांध सुरक्षा

जल संसाधन नदी विकास, गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीन केंद्रीय जल आयोग ने आज देश के दो प्रमुख संस्‍थानों के साथ बांधों की सुरक्षा को और अधिक उन्‍नत बनाने के लिए करार किया है। यह समझौता राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) मद्रास एवं भारतीय विज्ञान संस्‍थान बंगलूरू के साथ किया गया है। इन करारों से केंद्रीय जल आयोग को उन्‍नत एवं विशेष उपकरण एवं सॉफ्टवेयर की खरीद में मदद मिलेगी जो बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजनाओं के लिए मददगार साबित होगा।
जल संसाधन नदी विकास, गंगा संरक्षण मंत्रालय ने विश्‍व बैंक द्वारा सहायता प्राप्‍त बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) में सहायता के लिए देश के चुनिंदा शैक्षिणक एवं शोध संस्‍थानों का चयन किया है। इससे जांच प्रयोगशालाओं के सुदृढि़करण और उनकी विश्‍लेषणात्‍मक क्षमता में वृद्धि को मदद मिलेगी। इससे बांध सुरक्षा की चिंताओं से इन संस्‍थाओं के विशेषज्ञों को मौके पर परिचित कराने का अवसर भी प्राप्‍त होगा।
बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) योजना के तहत उन 250 बांधों के पुनर्वासों में मदद की जा रही है, जिन्‍हें इसकी आवश्‍यकता है। इस तरह के बांधों को पुनर्वास के लिए तकनीकी सहायता की बहुत आवश्‍यकता है। भारत सरकार ने तय किया है कि देश के चुनिंदा संस्‍थानों का बांध सुरक्षा के क्षेत्र में क्षमता संवर्धन किया जाएगा ताकि वे बांध सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण एवं सलाहकार सेवाएं उपलबध करा सकें।