बलोचिस्तान माँगे आज़ादी, नरेंद्र मोदी को भाई मान कर की आँखें नाम कर देने वाली अपील (Video)

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बलोच स्टूडेंट ऑर्गनाइज़ेशन की अध्यक्ष करीमा बलोच ने नरेंद्र मोदी से अपील की है| उसने नरेंद्र मोदी को भाई मान कर राखी के पावन दिन पर उनसे बलोचिस्तान के लिए आज़ादी में मदद की गुहार लगाई है|

बलोचिस्तान की आज़ादी के सुर अब भारत में बेहद मुखर हो रहे हैं क्यूंकी लोगों को लगता है की पाकिस्तान को चुप कराने का यही सबसे बढ़िया तरीका है| बलोचिस्तान की हालत बेहद खराब है, जैसा करीमा ने खुद ही वीडियो में बोला है की कई बलोच लड़के पाकिस्तान में उठा लिए गये हैं और कई शायद कभी वापिस भी ना आ पायें|

बलोचिस्तान की आबादी का बोझ किस पर?

पर सवाल ये है की भारत पाकिस्तान को तोड़ कर हासिल क्या कर पाएगा? बांग्लादेश को बनाकर आज वहाँ के हालत सबके सामने है| बांग्लादेश के 1971 कए युद्ध में भाग कर आए लोग कभी वापिस नहीं गये, और उनकी आबादी का बोझ भी भारत पर ही पड़ गया|

रोहिंगया, अफ़ग़ान और भी कई देशों की आबादी को भारत संभाल रहा है, तो बलोचों के आबादी का बोझ भी कहीं हम पर ही ना पड़ जाए| जहाँ तक सिर्फ़ बयानबाज़ी की बात है वो तो ठीक है, पर अब भारत को संभल कर चलना होगा| किसी भी हालत में भारत की अर्थव्यवस्था पर आँच ना आए ये सुनिश्चित करना होगा| बांग्लादेश में जैसा अल्पसंख्यक हिंदुओं का हाल है वो सबको पता ही है, भारत को इस बार ये सुनिश्चित करना होगा की अगर बलोचिस्तान की मदद हो तो इसमें हमरे सैनिकों की कोई जान-हानि ना हो, अर्थव्यवस्था पर आँच ना आए, और ना ही बलोच जनसंख्या भारत आए| ये पाकिस्तान की जंग है, और बलोचों को वहीं से लड़नी होगी ये बात पहले ही बता दी जाए तो अच्छा है| भारत का हृदय विशाल है और वो सबकी मदद करता है पर इसका अर्थ ये नहीं की हम दूसरी की मदद में अपना ही सब कुछ भूल जायें|

पाकिस्तान को तोड़ना एक अच्छी बात है क्यूंकी 1971 के बाद पाकिस्तान 10 वर्ष तक पूरा शांत था| उसके बाद इसने कश्मीर में अपने जिहादी भेजने शुरू किए, तो बलोचिस्तान के काटने के बाद भी पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापना नहीं छोड़ेगा, परंतु भारत को इस बात का समय मिल जाएगा की हम कश्मीर में पूर्ण शांति ला सकेंगे| इसीलिए बलोचिस्तान पर कदम हम बढ़ाएँगे, पर भारत का हित सामने रख कर|

 

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