बिजनौर में भीषण सांप्रदायिक हुई और इसमें 3 लोगों की मौत हो गयी| हिंसा तब भड़की जब रोती हुई छात्राओं ने अपने साथ अल्पसंख्यक वर्ग के कुछ लड़कों द्वारा हुई यौन फब्तियों के बारे में अपने सगे संबंधियों को बताया|
बिजनौर के थाना कोतवाली शहर के गांव पेदा में शुक्रवार सुबह छात्राओं से छेड़छाड़ को लेकर हुए सांप्रदायिक बवाल शुरू हुया और दोनो तरफ से मारा मारी हुई जिसमें अहसान (32) की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अनीसुद्दीन (50) और सरफराज (22) की अस्पताल ले जाते वक़्त मौत हो गई|
जागरण की खबर कहती है इसके बाद एक मुस्लिम युवक के शव को लेकर भीड़ ने नारे लगाए की खून का बदला खून और मुस्लिमों ने कई स्थानों पर जाम लगाकर आगजनी व तोडफ़ोड़ भी की।
मुस्लिम समुदाय ने दिल्ली-पौड़ी हाईवे पर अहसान का शव रखकर जाम लगा दिया और देर तक धरना डालते रहे|
मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये तथा घायलों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा अखिलेश यादव पहले ही कर चुकी है।
बिजनौर की तरह ही देश के अलग अलग हिस्सों में लगातार लड़कियों के साथ होती यौन हिंसा के प्रति समाज का रुख़ सख़्त होता जा रहा है| पर सवाल ये है की क्या सरकार इस तरह की हिंसा को रोकने में सक्षम है?
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