केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि 5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले करदाताओं को अब कर में पूरी छूट मिलेगी और उन्हें कोई आयकर नहीं देना होगा। संसद में वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, ‘पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान हमारे द्वारा किये गये प्रमुख कर सुधारों के कारण, कर संग्रहण और कर आधार में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है, जिससे साधारण कराधान उच्च-अनुपालन व्यवस्था कायम हुई है। अत: यह उचित होगा कि कर सुधारों से हुए कुछ फायदों को मध्यम वर्ग के करदाताओं तक पहुंचा दिया जाए।’
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी, यदि वे भविष्य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं। साथ ही दो लाख रुपये तक के आवास ऋण के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ उच्च आय वाले व्यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा, इससे स्व नियोजित, लघु व्यवसाय, लघु व्यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों सहित मध्यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
मानक कटौती में वृद्धि
वित्त मंत्री ने कहा कि वेतनभोगियों के लिए, मानक कटौती को वर्तमान 40,000 रूपये से बढ़ाकर 50,000 रूपये किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे 3 करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनधारकों को 4,700 करोड़ रूपये का अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा।
टीडीएस सीमा में वृद्धि
बैंक/डाकघर में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस सीमा को 10,000 रूपये से बढ़ाकर 40,000 रूपये कराने का प्रस्ताव किया गया है। गोयल ने कहा कि इससे छोटे बचतकर्ताओं और गैर-कामकाजी लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए किराये पर कर कटौती के लिए टीडीएस सीमा को 1,80,000 रूपये से बढ़ाकर 2,40,000 रूपये तक करने का प्रस्ताव है।
आवासीय घरों को अधिक राहत
वित्त मंत्री ने कहा कि अपने कब्ज़े वाले दूसरे मकान के अनुमानित किराये पर लगने वाले आयकर के शुल्क में छूट का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यदि एक व्यक्ति के पास एक से अधिक अपना घर है तो उसे अनुमानित किराये पर आयकर का भुगतान करना होता है।गोयल ने अपनी नौकरियों, बच्चों की शिक्षा और माता–पिता की देखभाल के लिए दो स्थानों पर परिवार रखने के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस राहत की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने 2 करोड़ रूपये तक के पूंजीगत लाभों को प्राप्त करने वाले एक करदाता के एक आवासीय घर से दूसरे आवासीय घर में निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत पूंजीगत लाभों में वृद्धि का प्रस्ताव किया है। हालांकि इस लाभ को जीवन में एक बार ही प्राप्त किया जा सकता है। सस्ते आवास के अंतर्गत और अधिक आवास उपलब्ध उपलब्ध कराने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80–आईबीए के अंतर्गत लाभों को एक और वर्ष के लिए विस्तारित किया जा रहा है, अर्थात यह 31 मार्च 2020 तक स्वीकृत आवासीय परियोजना पर लागू होगा। रीयल एस्टेट क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए वित्त मंत्री ने बिना बिके हुए घरों/फ्लेटों के अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट की अवधि को परियोजना पूर्ण होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्ताव किया है।
पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान काला धन कानून, भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम और नोटबंदी के रूप में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से 1,30,000 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्तियां कर के दायरे में आई हैं। उन्होंने कहा कि इन उपायों से लगभग 50,000 करोड़ की परिसंपत्तियां जब्त और कुर्क की गई हैं और बड़ी मात्रा में नकदी रखने वाले लोगों को अपनी आय के साधन बताने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश से काले धन की बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान, लगभग 6,900 करोड़ रुपये की बेनामी परिसंपत्तियां और 1,600 करोड़ रुपये की विदेशी परिसंपत्तियां को जब्त कर लिया गया है, जबकि 3,38,000 शेल कंपनियों की पहचान की गई है और उनके निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 18 प्रतिशत की वृद्धि और वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों के आय कर विवरणी दाखिल करने से कर संग्रह में वृद्धि हुई है। यह विशेष रूप से विमुद्रीकरण के कारण ही संभव हो सका है।
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन
2019-20 पेश करते हुए कहा कि अंतरिम बजट 2019-20 में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के लिए 1330 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस मद में मिशन के लिए 2018-19 के संशोधित अनुमान की अपेक्षा 174 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
महिलाओं के कल्याण के लिए प्रारंभ किए गए कई पहलों के तहत पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान सरकार ‘महिलाओं के विकास’ से ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ की ओर जाना चाहती है। आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं और शेष कनेक्शन अगले वर्ष तक वितरित कर दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला हमारी सरकार का एक सफल कार्यक्रम है जो एक जिम्मेदार और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व के व्यवहारिक दृष्टिकोण को इंगित करता है।
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं, जिन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए रियायती दर पर और बिना प्रतिभूति के ऋण दिए जा रहे हैं।
मातृत्व अवकाश को 26 सप्ताह करना तथा गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभों को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन पहलों से महिलाओं को वित्तीय मदद मिली है और उनका सशक्तिकरण हुआ है।
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