कैंसर के लिए आयुर्वेद का वैकल्पिक समाधान पर प्रयोग होना चाहिए

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उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने चिकित्सा क्षेत्र के शोधकर्ताओं से कैंसर से बचाव और उपचार के लिए नए समाधानों के साथ आगे आने को कहा है। वे आज टाटा मैमोरियल सेंटर मुंबई के स्नातक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव और कई अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शोधकर्ताओं को प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का आयुर्वेद की तरह वैकल्पिक समाधान के तौर पर प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कम लागत वाली देसी प्रणालियों के प्रयोग से कैंसर के उपचार को और किफायती बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कैंसर देश में स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है और मौत के शीर्ष दस कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि कैंसर घातक बीमारी के साथ-साथ उपचार के लिहाज से बेहद खर्चीली बीमारी भी है। अगर कैंसर के कारणों और इसकी शुरूआत की पहचान कर ली जाए तो देश में इससे होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।

उपराष्ट्रपति ने चिकित्सकों और छात्रों से स्वच्छता के प्रति जागरुकता फैलाने का आग्रह किया। साफ-सुथरा न रहने के कारण एचपीवी जैसा संक्रमण फैलता है जो कि कैंसर के कारणों में से एक है।

नायडू ने सरकार, चिकित्सकों और मीडिया को कैंसर से बचाव के उपायों के बारे में जागरुकता फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों को कैंसर के मौजूदा उपचारों के बारे में जानकारी देने की भी आवश्यकता है।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की समय-समय पर जांच से शुरूआती लक्षणों को पहचनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य जीवन प्रणाली और जंक फूड के बारे में युवाओं को जागरुक करने की आवश्यकता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्र स्वस्थ्य जीवन प्रणाली अपनाएं इसके लिए उन्हें योग का अनिवार्य प्रशिक्षण देना चाहिए। योग समग्र प्रणाली है और इस बात के साक्ष्य हैं कि इससे गुणवत्तापूर्ण जीवन और खुशहाली सुनिश्चित होती है।

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