जापान और भारत के संबंध बेहद अच्छे हैं, इसमें कोई शक की बात नहीं है| जापान के लोगों को भारत में बहुत प्यार और सम्मान मिलता है और भारतीयों को भी जापान के लोग पूर्ण आदर और सम्मान देते हैं|
भारत के लोग उन कुछ लोगों में से हैं जिनको जापानी अपने बेहद करीब मानते हैं| पर शायद ही किसी को पता हो की भारत-जापान के रिश्ते की जड़ें किस हद तक गहरी हैं!
जापान में भारत के दूत सुजान चिनॉय ने भारत और जापान के बीच के प्यार को हिंदू- बौद्ध संबंधों से आँका और पाया की वाकई में भारत और जापान में काफ़ी कुछ सांझा है!
At #Naritasan Temple #GION Festival-remarkably like #Jagannath #RathYatra ancient #Hindu #Buddhist ties India-Japan! pic.twitter.com/nVTRdNyUyH
— Sujan Chinoy (@SujanChinoy) July 8, 2016
जापान के सैइतसन मंदिर में गिओं महाओत्सव में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की तरह ही बौद्ध लोग रथ यात्रा निकलते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ सब के सब इनमें भाग लेते हैं!
रथ यात्रा यहाँ भी एक बड़ा उत्सव है और सभी वर्ग के लोग बढ़-चढ़ कर इसमें हिस्सा लेते हैं! पर्यटक तो ख़ास इसी रात यात्रा को देखने के लिए ही आते हैं!
Glimpse of #Naritasan Temple #GION Festival which resembles #Jagannath #RathYatra Celebrating Japan's rich culture! pic.twitter.com/jcT437OWwZ
— Sujan Chinoy (@SujanChinoy) July 8, 2016
रथ यात्रा की तस्वीरें और वीडियो देख कर ये ना सोचिएगा की भारत और जापान के रिश्ते इसी पर ख़त्म होते हैं, जापान में हिंदू देवी देवताओं की पूजा भी होती है!
जी हाँ! जापान में भगवान ब्रह्मा, देव कुबेर, माता सरस्वती, कई हिंदू देवी देवताओं की पूजा होती है, पर भारत में लोगों को इसका इसीलिए पता नहीं है क्यूंकी जापान के लोग इन देवी, देवताओं को उनके जापानी नाम से बुलाते हैं!
जैसे भगवान गणपति को जापान में शॉटें बुलाते हैं!
जापान के भारत में दूत रह चुके यासुकुनी इनोकी ने बताया की दरअसल भारत से जब बौद्ध धर्म का विस्तार चीन में हुआ तो हिंदू देवी देवताओं को पहले चीन ने अपनाया|
जापान के रिश्ते उस दौरान चीन से अच्छे थे और व्यापारिक तौर पर मज़बूत थे, व्यापार और सामान के साथ साथ हिंदू देवी देवताओं को भी जापानी चीन से जापान ले गये| एक समय तो ऐसा था की भगवान गणपति के 100 मंदिर होते थे छोटे से जापान में और कई मंदिर केवल देव इंद्र को समर्पित हैं जापान की राजधानी टोक्यो में!
आइये आपको बताते हैं शीचिफ़ुकुजिं के बारे में जिनको जापान के लोग 7 सौभाग्य के देवों में मानते हैं| बेंज़ैइटें, दैइकोकूतें एवं बिशमोंटें इनमें प्रमुख देवी देवता हैं, पर हैरान ना हों, ये दरअसल देवी सरस्वती, भगवान शंकर, कुबेर ही हैं! दैइकोकूतें का तो जापानी में सीधे साधा अर्थ है महाकाल!
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