जम्मू कश्मीर, उरी सेक्टर, में तड़के सुबह 5.30 आंतकियों ने सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकी हमला किया। बारामुला जिले के उरी, कश्मीर, में आतंकवादियों द्वारा सेना के इंफैंट्री बटालियन मुख्यालय पर हमले में सेना के 17 जवान शहीद हो गए।
सेना की तरफ से की गई कार्यवाही में हमला करने वाले चारों आतंकवादी भी मार गिराए गए| अभी अभी गृह मंत्री के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक शुरू हुई है जिसमें एनएसए, गृह सचिव, रक्षा सचिव, डीजीएमओ मौजूद हैं| बैठक में सीआरपीएफ के डीजी, रॉ प्रमुख और आईबी के स्पेशल डायरेक्टर भी मौजूद हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है| उन्होने हमले के पीछे खड़े लोगों को जल्दी से जल्दी सज़ा दिलवाने का संकल्प लिया है|

थल सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह उरी हमले की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंचे|
गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को जल्दी से जल्दी इस आतंकी घटना के हालातों की समीक्षा करने को भी उन्होने बोला है|
राहुल गांधी जो की झाँसी में हैं उन्होने सैनिकों के लिए प्रार्थना करने की अपील की है और साथ ही साथ ये बोला:
आज बहुत दुःख का दिन है, जम्मू कश्मीर में हमारे 17 जवान शहीद हुए है, हम चाहते हैं आप लोग उनकी आत्माओं की शांति के लिए 30 सेकेंड मौन रखे।
कश्मीर में सेना के जवानों की शहादत को नकारने में लगा बाहर का मीडिया
जहाँ भारत अपने जवानों की शहादत में दुखी था, वहीं बाहर के अख़बारों ने इस घटना को एक बेहद घटिया तरीके से पेश करके अपनी मानसिकता का परिचय दिया| भद्दे तरीके से कश्मीर की इस आतंकवादी घटना को ‘रेबेल्स’ या ‘विद्रोह’ के तौर पर पेश किया गया है|
.@AP Not "rebels." These were terrorists funded by Pakistan, backed by your country, USA. Get your facts and words straight.
— Hindu Americans (@HinduAmericans) September 18, 2016
जब भी किसी और देश में हमला होता है तब पश्चिमी प्रेस इसी तरह से शहीदों का अनादर करती है| बड़ा सवाल ये भी है की आख़िर ये लोग जो इस हद तक क्रूर हैं की किसी और मुल्क के बाशिंदों की मृत्यु को भी ये अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, तो क्या उनकी शब्दावली और उनकी मानसिकता को भारतीय प्रेस को आँख बंद करके मानना चाहिये जैसे की अभी हो रहा है? आख़िर पश्चिमी प्रेस को एक्सपोज़ करने का काम कौन करेगा?
भारत सरकार के पास कश्मीर पर एक अस्त्र ये भी है, क्या चलाने का समय आ गया है?:
प्रखर राष्ट्रवादी सैयद अता हसनैन को सरकार गवर्नर बना कर कश्मीर भेजेगी?