कन्हैया ने की शांति की अपील|

आज सुबह-सुबह दिल्ली के कमिश्नर बी एस बस्सी ने एक पत्र ट्वीट किया जिसके उपर कन्हैया के हस्ताक्षर हैं|

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 इसमें जेएनयू के छात्र  नेता कन्हैया ने समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है, साथ ही साथ उसने ये भी कहा है की वो किसी भी तरह के असंवैधानिक कार्य का पक्षधर नहीं है|

पत्र में आगे उसने ये भी कहा है की वो भारत की एकता में पूर्ण विश्वास रखता है और 9 फ़रवरी की घटना की कड़ी निंदा करता हूँ|

 इस घटनाक्रम के बाद लगता है की कन्हैया हो सकता है स्वयं सम्मलित ना हो, बल्कि उसे किसी साजिश के तहत इस्तेमाल किया गया हो| अपने पत्र में उसने ये भी कहा है की उसने भी वीडियो देखे हैं जिनको देखने के बाद उसे ये सब पता चला है|

इस पत्र के बाद हमारे समाज को शांत होने की ज़रूरत है, और पुलिस की कार्यवाही का इंतेज़ार करना होगा|

 वकील और जो भी संगठन किसी भी तरह की हिंसा में लिप्त हैं उनको सरकार और पुलिस को तुरंत काबू करना चाहिए और इस बात की भी जाँच होनी चाहिए की कन्हैया की बात में कितनी  सच्चाई है|

विश्विद्यालय कोई देश तोड़ने के अड्डे नहीं हैं, और जो भी इस तरह की गतिविधि में लिप्त पाया जाए उसके उपर तुरंत लगाम कसने की ज़रूरत है, पर हर एक को देश के क़ानून और संविधान को मानना होगा और राष्ट्र की गरिमा भी रखनी होगी|

भारतवर्ष में इस तरह की घटना असहनीय है, पर याद रखिए की अजमल कसाब को भी हमने बेतरतीब तरीके से उसके अंजाम तक नहीं पहुँचाया था|

अफ़ज़ल गुरु को भी पूरा समय मिला था और न्याय करना और न्यायपरक होना इस देश की मिट्टी और संस्कारों में है |

समाज में इतना गुस्सा अच्छी निशानी नहीं है, वो भी तब जब हम सुरक्षा परिषद में अपना स्थान देख रहे हैं और पूरी दुनिया की नज़र हमारे देश पर है|

पूरे देशवासी इस बात को ध्यान रखें की देश से बड़ा, और उसके मान से बड़ा कुछ भी नहीं है| क़ानून को हाथ में ना लें, और संयम बनाए रखें|