चीनी बहुत अशिष्ट होते हैं: ब्रिटेन की महारानी

ब्रिटेन की महारानी, एलिज़ाबेथ, कोहिनूर, ताइपे, घड़ी, चीनी, चीन, अशिष्ट, अभद्र

ब्रितानवी हुकूमत और ठाठ भले  ही चले गये हों, पर इनके साम्राज्यवादी  तेवर अभी भी बरकरार है| ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ को एक वीडियो में ये कहते हुआ सुना जा सकता है की चीनी अधिकारी बेहद अशिष्ट थे ब्रिटेन एक  दूत के साथ|

ब्रिटेन की महारानी ये बात तब कही जब एक अधिकारी ने अपना दुखड़ा उनके सामने रोया और अपना दुखद वक़्त, जो उसने चीनी राष्ट्रपति की ब्रिटन यात्रा के दौरान झेला, उसको बयान किया| ब्रिटेन की महारानी शायद ये भूल गयीं की इस तरह की बातें दो देशों के संबंध कड़वे करने का कार्य भी कर सकती हैं|

वैसे भी अशिष्टता की बातें करने का ब्रिटेन को क्या अधिकार है जब उसने शिष्टता दिखाते हुए उन देशों से अभी तक पूरी तरह से माफी नहीं माँगी है जिनपर उन्होने ज़ुल्म ढाए? ब्रिटेन की महारानी को अपनी पोत बहू केट मिडलटन की तरफ भी देखना चाहिए जिन्होने भारत में आकर भारत की संस्कृति के प्रति आशिष्ट व्यवहार किया| हर बार की तरह उनकी बहू ने मर्लिन मुनरो सरीखी प्रकरण यहाँ भी कर ही दिया था ना?

ब्रिटेन की महारानी को चाहिए की वो दूसरों से वही अपेक्षा रखे जो वो खुद दूसरों के साथ करती आईं हैं|  चीनी या किसी भी अन्य समाज के अपने नियम  क़ानून हो सकते हैं, और एलिज़ाबेथ  को  चाहिए की वो ब्रिटिश अधिकारियों को थोड़ी सी रीसर्च दूसरे देश की संस्कृति को समझने के लिए करने के लिए बोलें और साथ ही साथ इस और मेहनत करने के लिए भी बोलें|  ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर बैरोनेस क्रेमर की भारी भूल को ब्रिटन की महारानी को नहीं भूलना चाहिए जिसमें क्रेमर ने ताइपे के मेयर को घड़ी उपहार स्वरूप दी थी| ताइपे में घड़ी उपहार  में  देना वर्जित है, और किसी को घड़ी देने का ये दर्शाता है की लेने वाले का समय समाप्त होने वाले है| तो अब इस पर ब्रिटेन की महरानी क्रेमर को क्या कहना पसंद करेंगी? अशिष्ट या नासमझ?

 

ताइपे के मेयर ने वैसे इस घटना को मज़ाक में उड़ा दिया था, और भारत में इनकी पोत-बहू की उड़ती स्कर्ट पर कोई बवाल नहीं हुआ, सबने सोचा की ग़लती से हुआ होगा! काश एलिज़ाबेथ का भी इतना बड़ा ही दिल होता!

पिक्चर: विकिपीडिया