महाराणा प्रताप जयंती पर उनके जीवन की कुछ छुपी हुई घटनायें

महाराणा प्रताप, अकबर, मुगल, राणा पुंजा भील, मेवाड़

मई 9, 2016: भारत की शान महाराणा प्रताप का जीवन एक खुली किताब है! कहा जाता है की उनका कद 7 फीट 5 इंच का था पर उनके व्यक्तित्व को नापना शायद असंभव ही होगा|

महाराणा प्रताप 80 किलो का भाला, 208 किलो की तलवारें एवं 72 किलो का कवच शरीर पर लाद कर युद्धभूमि में उतरते थे। इसकी वजह से महाराणा के मैदान में आते ही दुश्मनों में डर और खलबली सी मच जाती थी|

महाराणा प्रताप का एक घोड़ा था, चेतक| वो इतना स्वामी भक्त था की महाराणा ने उसको अपने जीवन का अटूट हिस्सा ही मान लिया था| इस खूबसूरत घोड़े ने महाराणा  के साथ कई लड़ाइयों में भाग लिया और अंत में महाराणा की जान बचाने के लिए हल्दीघाटी के युद्ध में इसने 22 फीट गहरी खाई को लाँघने के लिए कूद लगाई|

महाराणा का जीवन तो चेतक ने बचा लिया, पर उसने वहीं उनके सामने दम तोड़ दिया| चेतक की मृत्यु पर महाराणा प्रताप खूब रोए, और उंसके बाद उन्होने अपने प्यारे चेतक की समाधि का निर्माण भी किया|

महाराणा प्रताप, अकबर, मुगल, राणा पुंजा भील, मेवाड़

 

हल्दीघाटी के युद्ध में ही एक और बात और हुई, और वो था महाराणा प्रताप और उनके भाई शक्ति सिंह का मिलन| शक्ति सिंह ने मुगल अकबर से हाथ मिला लिया था क्यूंकी उसको लगा था की मेवाड़ मुगल से दुश्मनी करने की स्तिथि में नहीं था| इसके बाद दोनो भाई अलग हो गये| चेतक के कूदने के बाद वो बेहद घायल हो गया था, इसीलिए महाराणा प्रताप उसको सहारा देते हुए चल रहे थे| पर इसी दौरान कुछ मुगल सैनिकों ने उनको घेर लिया| इसी वक्त महाराणा प्रताप को एक आवाज़ अपनी मातृभाषा में आवाज़ सुनाई पड़ी, “हो, नीला घोड़ा रा असवार।” जैसे ही महाराणा प्रताप पीछे मुड़े उनको उनकी भाई शक्ति सिंह सामने दिखा जिसने पहले मुगल सैनिकों का काम तमाम किया और फिर दोनो भाई गले मिले|

महाराणा प्रताप और राणा पुंजा भील की मित्रता का तो कोई सानी नहीं है| महाराणा प्रताप ने जब मेवाड़ को बचाने के लिए राणा पुंजा भील, जो की वनवासी समाज के महान प्रतापी राजा थे, से मदद माँगी, तो उन्होने तुरंत मेवाड़ की माटी की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप के साथ हाथ मिला लिया| दोनो राजाओं ने अंत तक मुगलों विशेषकर अकबर की नाक में दम करके रखा| इनकी दोस्ती की निशानी मेवाड़ के राज चिन्ह में देखने को मिलती है जहाँ पर राजपूत और भील बराबर से खड़े दिखते हैं, कुछ हद तक इस तरह:

 

महाराणा प्रताप, अकबर, मुगल, राणा पुंजा भील, मेवाड़

 

महाराणा को भारत के महानतम व्यक्तियों में से एक हैं| वो शूरवीर थे जिन्होने सबसे पहले अपने चरित्र को पवित्र रखने का प्रयास किया| उनके बेटे अमर सिंह ने कुछ मुस्लिम औरतों को बंदी बना लिया था, इससे महाराणा  को बेहद क्रोध आया और अपने बेटे को धर्म का मान करना सीखते हुए आदेश दिया की इन महिलाओं को अपने परिवार के पास सस्म्मान छोड़ कर आओ|

सही मायने में महाराणा प्रताप का कोई सानी हो नहीं हो सकता!