असम के चुनाव का गणित अभी साफ भी नहीं हुआ है, और सांसद बदरुद्दीन अजमल, जो की ऑल इंडिया युनाइटेड डेमॉक्रेटिक फ्रंट के नेता हैं, ने भाजपा की जीत के बारे में ऐसी बात कह दी जो राजनीति के पंडितों के लिए समझने वाली चीज़ है|
असम के चुनावों में भाजपा एक नयी उम्मीद और लहर के साथ उतरी है, ये बात किसी से छुपी नहीं पर बदरुद्दीन अजमल को तो ये लगता है की भाजपा जीत भी सकती है! और इसका ठीकरा वो असम के चुनावों में भाजपा के सर पर फोड़ रहे हैं| ये देखिए उनके ही शब्दों में:
बदरुद्दीन अजमल के शब्द अपने आप में चौंकाने वाले हैं क्यूंकी वो भाजपा के धुर विरोधी माने जाते हैं, और अगर उनको भी ये लगता है की चुनाव में कमल खिलने की उम्मीद है तो और कोई क्या कह सकता है| पर सवाल है की आख़िर ऐसा क्या हुआ जो कांग्रेस ने उनके साथ हाथ मिलाने से परहेज़ किया?
क्या वो बदरुद्दीन अजमल के बारे में आती हुई संप्रदायिक टिप्पणियों से परेशन थी? गौरतलब है की बदरुद्दीन अजमल ने एक बार मुस्लिम समुदाय से हिंदू समुदाय के खिलाफ एक जुट होने की भी बात की थी, जिसकी काफ़ी आलोचना हुई थी| तो अब बदरुद्दीन अजमल के स्वर कैसे बदल गये?
भले ही ये कांग्रेस के लिए खराब रहा हो, पर भाजपा के धुर विरोधी बदरुद्दीन अजमल भी जब भाजपा के जीतने की संभावना को यथार्थ मानने लगें तो ये भाजपा के लिए एक संपूर्ण राष्ट्रवादी पार्टी बनने के लिए अच्छा शगुन है|
अजमल असम में मुसलमानों के काफ़ी बड़े नेता हैं और इस समुदाय का वोट बैंक इन्हीं के क़ब्ज़े है| असम में मुसलमान वोट बैंक सरकार बनाने और गिराने की क्षमता रखता है, इसीलिए अगर कांग्रेस ने भी इनके साथ हाथ मिलाने से माना कर दिया, तो वाकई में कोई बड़ी बात रही होगी|