ढाका ,मई 15, 2016: बांग्लादेश में रहना आसान काम नहीं है, हिंदू या और अल्पसंख्यक यहाँ ख़ौफ़ में जीते हैं की पता नहीं कब, कौन इस्लाम की बेइज़्ज़ती का झूठा इल्ज़ाम लगा कर इनको नुकसान पहुँचाने की कोशिश करे|
कल ही बांग्लादेश में एक बुद्धिस्ट गुरु की हत्या हुई थी और उनके हत्यारों को अभी तक पकड़ा नहीं गया है|
बांग्लादेश के नारायणगंज में एक हिंदू हैडमास्टर को भीड़ ने घेर लिया क्यूंकी किसी ने अफवाह उड़ा दी थी की उसने इस्लाम के खिलाफ कुछ कहा है|
बेकाबू भीड़ का ज़ोर कुछ कम हो, इसीलिए हैडमास्टर ने कान पकड़ कर ऊतक बैठक लगाई और माफी माँगी|
पर बाद में रोने के कगार पर होते इस हैडमास्टर ने बोला की उन्हें फँसाया गया है|
हिंदू हैडमास्टर श्यामल कांटी भक्त, पियार सत्तार लतीफ हाई स्कूल के हैडमास्टर हैं|
पोलीस ने बड़ी मुश्किल से इन्हें बचाया जब इनको भीड़ ने पीटने के बाद भी नहीं छोड़ा| ये खबर तब सामने आई जब तसलीमा नसरीन ने इस पुर वाकये पर ट्वीट किया|
पोलीस कह रही है की अगर हैडमास्टर माफी नहीं माँगते तो भीड़ उन्हें छोड़ती ही नहीं| अब सोचिए, कोई कैसे ऐसे ही किसी पर झूठा इल्ज़ाम लगा सकता है और क़ानून चुप छाप भीड़ के आगे मजबूर होकर देखता रहता है?
इसी तरह के उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से अल्पसंख्यक जा रहे हैं और भारत में शरण ले रहे हैं|
भारत ने अभी तक इस मुद्दे पर कभी खुल कर कुछ नहीं कहा है पर जब एक बड़ी संख्या में दुरे देश से नागरिक भारत में आकर रहने लगें तो सरकार भी कब तक चुप रहेगी?
सवाल ये भी है की बांग्लादेश सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम लेती है, पर फिलहाल तक तो उसने बढ़ती असहिष्णुता पर कोई कदम नहीं उठाया है|
एक छोटा सा वीडियो भी लोगों ने शूट किया है, आप यहाँ देख सकते हैं: