श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए निर्देश जारी किए

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड, 2017 अमरनाथ यात्रा,बाबा बर्फानी दर्शन

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड  ने 2017 की श्री अमरनाथ यात्रा पर निर्देश दिए हैं जिसका पालन सभी को करना है|

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के निर्देश ज़रूर पढ़ें और शेयर करें ताकि ये उन तक पहुँचे जो तीर्थ में इस वर्ष जा रहे हैं:

यात्री क्‍या करें

  1. ऊनी कपड़े पर्याप्‍त मात्रा में लेकर चलें क्‍योंकि कभी-कभी अचानक तापमान गिरकर पांच डिग्री सेल्सियस हो जाता है।
  2. यात्रा क्षेत्र में मौसम की भविष्‍यवाणी संभव नहीं है इसलिये वॉटरप्रूफ जूते, रेन कोट, विंड चीटर और छाता साथ ले जायें।
  3. अपने सामान को भींगने से बचाने के लिए उपयुक्‍त वॉटरप्रूफ बैग में अपने कपड़े और खाने की सामग्री रखें।
  4. आपात स्थि‍ति को ध्‍यान में रखकर यात्रा के दिन ही अपने नाम, पता और मोबाइल फोन नंबर अपनी जेब में जरूर रखें।
  5. खुद का पहचान पत्र/ड्राइविंग लाइसेंस और यात्रा अनुमति पत्र अपने साथ रखें।
  6. यात्रा के दौरान अपनी सामग्री ले जाते समय समूह, पोर्टर, घोड़े या खच्‍चर का इस्‍तेमाल करें।
  7. यह सुनिश्चित करें कि आपकी नजरें समूह में शामिल लोगों पर रहें जिससे आप समूह से न बिछड़ने पायें।
  8. वापसी के दौरान घर लौटाने के क्रम में आप अपने समूह के सभी दूसरे सदस्‍यों के साथ आधार शिविरों को छोड़ें।
  9. आपके समूह का कोई सदस्‍य लापता हो जाये तो तुरंत पुलिस की मदद लें। यात्रा शिविर में लगे यात्रियों को संबोधित करने वाली प्रणाली से इस बात की घोषणा भी करायें।
  10. आप यात्रा करने के दौरान अपने सहयात्रियों के साथ पवित्र मन-मस्तिष्‍क बनाये रखें।
  11. समय-समय पर यात्रा प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
  12. किसी भी सहायता के लिए एसएएसबी कैंप निदेशकों/निकटतम यात्रा कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
  13. किसी भी दुर्घटना या आपात स्थिति में तुरंत निकटतम कैंप निदेशक/पर्वत राहत दल (एमआरटी) से संपर्क करें। यह दल कई जगहों पर तैनात रहता है।
  14. डोमेल और चंदनवाड़ी के दरवाजे सुबह पांच बजे से सुबह 11 बजे तक खुले रहते हैं। ये दरवाजे बंद होने के बाद तीर्थयात्रा में शामिल किसी भी यात्री को यहां से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं होगी।
  15. समूचे यात्रा क्षेत्र में निशुल्‍क खानपान सुविधा के लिए लंगर उपलब्‍ध हैं।
  16. यात्रा क्षेत्र में भोजन के इच्‍छुक तीर्थयात्री को पूर्व निर्धारित खानपान की सूची को श्राइन बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर उपलब्‍ध करा दिया है। बोर्ड की वेबसाइट है:  www.shriamarnathjishrine.com.
  17. 17.जम्‍मू-कश्‍मीर और यात्रा क्षेत्र में दूसरे राज्‍यों के प्रीपेड सिम कार्ड काम नहीं करेंगे। यात्री बालटाल और नुनवान स्थित आधार शिविरों से प्री एक्टिवेटिड सिम कार्ड खरीद सकते हैं।
  18. भगवान भोलेनाथ के अभिन्‍न अंग हैं- पृथ्‍वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश। इसलिए पर्यावरण का सम्‍मान करें और यात्रा क्षेत्र में कुछ भी ऐसा न करें जिससे प्रदूषण पैदा हो।

यात्रा के दौरान क्‍या न करें

  1. महिला तीर्थयात्रियों के लिए: वे तीर्थ यात्रा के दौरान साड़ी कतई न पहनें। सलवार-कमीज, पैंट शर्ट या ट्रैक सूट पहनने की सलाह दी जाती है।
  2. छह सप्‍ताह से ज्‍यादा गर्भवती महिलाओं को इस यात्रा में हिस्‍सा लेने की अनुमति नहीं होगी।
  3. तेरह साल से कम उम्र के बच्‍चे और 75 साल से ज्‍यादा उम्र के बुजुर्ग व्‍यक्तियों को इस यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
  4. चेतावनी लगी सूचनाओं वाली जगहों पर कभी न ठहरें। सिर्फ निर्धारित रास्‍ते पर ही चलें।  
  5. यात्रा के दौरान अचानक तापमान गिर जाता है इसलिए हर समय आप ऊनी कपड़ों में रहें और नंगे पांव न चलें।
  6. पवित्र गुफा के रास्‍ते बेहद सीधी चढ़ाई वाले होते हैं और रास्‍तों के ढलान भी तीखे होते हैं इसलिए चप्‍पलें कभी न पहनें। इस दौरान पहाड़ी रास्‍तों पर चढ़ाई लायक फीते वाले जूते पहनें।
  1. यात्रा के दौरान कभी भी छोटे रास्‍तों का प्रयोग करने से बचें। ये खतरनाक हो सकते हैं।
  2. खाली पेट यात्रा शुरू न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी गंभीर समस्‍या का सामना करना पड़ सकता है।
  3. समूची यात्रा के दौरान ऐसा कुछ भी न करें जिससे क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान पहुंचे या उससे प्रदूषण उत्‍पन्‍न हो।
  4. जम्‍मू कश्‍मीर में प्‍लास्टिक के थैलों के इस्‍तेमाल पर प्रतिबंध है इसलिए इन्‍हें लेकर यात्रा न करें। ये कानूनन दंडनीय हैं।
  5. पवित्र गुफा में दर्शन के दौरान सिक्‍के, करेंसी नोट, सजावटी चुन्‍नी, तांबे के लोटे और किसी भी दूसरी सामग्री को फेंक कर चढ़ाने की कोशिश न करें।
  6. काफी ऊंचाई को देखते हुए पवित्र गुफा में रात गुजारने के बारे में कभी मत सोचें क्‍योंकि यहां का मौसम अचानक बिगड़ सकता है।
  7. पंचतरणी आधार शिविर से दोपहर तीन बजे के बाद पवित्र गुफा की ओर मत जायें क्‍योंकि शाम छह बजे के बाद पवित्र गुफा के दर्शन की अनुमति नहीं है।