1 जुलाई, 2016: बांग्लादेश में कट्टरवादी अपनी जड़ें जमा चुके हैं और वहाँ की सरकार इनको रोकने में नाकाम साबित हो रही है| श्यामानंदा दास, 50, जो की राधामदान गोपाल बिग्रहा मठ, झेनाइदह, बांग्लादेश में हिंदू पुजारी थे उनकी कट्टरवादियों ने गला रेत रेत कर मौके पर ही 30 जून 2016 को हत्या कर दी| उस वक़्त हिंदू पुजारी मठ के पास ही टहल कदमी कर रहे थे|
कट्टरवादियों ने बेदर्दी से हिंदू पुजारी के गले पर काट काट कर तीन वार किए जिसके बाद हिंदू पुजारी ने दम तोड़ दिया| पुजारी पर किसी धारदार चीज़ से वार किया गया था|
हिंदू पुजारियों पर निशाना साध कर कट्टरपंथी अल्पसंख्यक हिंदू समाज को ये संदेश देना चाह रहे हैं की उनका बांग्लादेश में अब कोई स्थान नहीं है और वो बिल्कुल सुरक्षित नहीं है|
इसी पहले रामाकृष्ण मिशन के पुजारी को भी जान से मार देने की धमकी दी गई थी|
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, हाल ही में एक माँ और बेटी का एक दूसरे के सामने बलात्कार किया गया और उससे पहले हिंदू महिलाओं को निवस्त्र करके सरेआम पीटा गया| बांग्लादेश के हालातों पर अमरीका और कई शक्तियाँ पहले ही अपनी चिंता व्यक्त कर चुकी हैं| पर सवाल वहीं पर है; जब समाज में कट्टरवाद जड़े जमा चुका हो तो बांग्लादेश की सरकार क्या कर सकती है? और अल्पसंख्यक समाज भी चीखने चिल्लाने के सिवाय और क्या कर सकता है?
इस तरह की घटनाओं के कारण हिंदू समुदाय बांग्लादेश छोड़ कर पलायन कर रहा है|