भारत के अंदर अजीब चीज़ें होती रहती हैं, अभी जहाँ कश्मीर में जिहादी फरमान का मुद्दा ठंडा पड़ा ही था जिसमें कहा गया था की लड़कियाँ जो स्कूटी चलायेंगी, वो अपनी स्कूटी के साथ ही जला दी जाएँगी की अब एक और अजीब सी खबर मध्य प्रदेश के उज्जैन से आ रही है|
करीबन 30 मद्रससों ने मिड डे मील लेने से माना कर दिया है और कहा है की ये उनके मज़हब से छेड़छाड़ का प्रयास है! जानते हैं कारण क्या है? कारण ये है की मिड डे मील बनाने वाले इस्कॉन मंदिर से जुड़े हैं और 2010 से यही काम काफ़र रहे हैं और सभी स्कूलों को खाना भेजते हैं!
मुस्लिम बच्चों के माता पिता का कहना है की मिड डे मील देने वाली संस्था हिंदू देवी देवताओं का खाने का भोग लगाती है इसीलिए वो उनके बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए!
Ujjain: Madarsas refuse midday meals to kids alleging that part of the food is being served is offered to Hindu gods pic.twitter.com/LAc4ljqUnz
— ANI (@ANI_news) August 6, 2016
इस्कॉन का कांट्रैक्ट जुलाई 2016 में ख़त्म हो गया तो बीआरके फूड्स और माँ पार्वती फूड्स को मिड डे मील बनाने के लिए लगवाया गया पर मद्रससों ने इसको लेने से इनकार कर रहे हैं!
वैसे मध्य प्रदेश में कट्टरवाद बढ़ता जा रहा है|22 सितंबर 2014को तक़रीबन 12 बजे दोपहर की वो वीभत्स घटना शायद ही कोई यहाँ का वासी भूल पाए जब ताजुल मस्जिद के पास एक पूरा का पूरा झुंड एक लड़की को मारने के लिए उठ खड़ा हुया था जब उसने ‘हरी’ और शाकाहारी ईद मानने के लिए आग्रह किया था|
पर सवाल यहाँ पर ये है की जब एक मुस्लिम लड़के या लड़की को नौकरी नहीं मिलती और वो इसका कारण मज़हब के कारण भेदभाव बता देता है, तो क्या ये मिड डे मील वाली घटना उसी श्रेणी में नहीं आती? जीशान ख़ान जिसने पिछले साल कुछ इसी तरह का इल्ज़ाम एक एक्सपोर्ट कंपनी पर लगाया था, उसको अडानी जैसे बड़े ग्रूप में आगे से बढ़कर नौकरी की पेशकश की गयी, पर इस मुद्दे पर कोई भी इन कंपनियों के साथ खड़ा नहीं दिखता है! अगर जीशान के साथ जो हुआ वो ग़लत था, तो क्या इनके साथ सब सही हो रहा है?