अमरीका भारत आपसी संबंध और मज़बूत कर रहे हैं|
कल भारतीय रक्षा मंत्री ने अमरीकी रक्षा मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत की|
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की ये बात 8 फरवरी, 2017 की शाम अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ हुई थी|
दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भारत और अमरीका के बीच विशेष रूप से हाल के वर्षों में रक्षा सहयोग के क्षेत्र में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और क्षेत्रीय तथा वैश्विक परिपेक्ष्य में इसके महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने दोनों देशों द्वारा आपसी संबंधों को विशेष महत्व और उच्च प्राथमिकता देने तथा भविष्य में इस साझेदारी को और बढ़ाने तथा सुदृढ़ करने के लिए मिलकर कार्य करने पर बल दिया।
भारत और अमरीका साथ चलें तो विश्व में स्थिरता आएगी:
उनकी बातचीत भारत-अमरीका के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने का काम करेगी| उल्लेखनीय है की नई अमरीकी हुकूमत में भी भारत का दबदबा बना रहेगा क्यूंकी ट्रॅंप ने खुल कर चीन की व्यापारिक नीतियों की निंदा की है| चीन की हरकतों से अमरीका परेशान है पर अक्सर उसकी परेशानी को लोग व्यापार से जुड़ा ही समझते हैं| अमरीका चीन से ज़्यादा इसीलिए परेशान है क्यूंकी चीन अपने पाँव धीरे धीरे पाकिस्तान और बाकी देशों में पसार रहा है| चीन में कोई डेमॉक्रेसी है नहीं इसीलिए वो आड़े टेढ़े कैसे भी हथकंडे अपना कर अपना उल्लू सीधा करता है जिससे बाकी दुनिया के देशों में इस देश के प्रति सुगबुगाहट जल्दी ही खुल कर बग़ावत के रूप में देखने को मिलेगी| दक्षिण चीन सागर पर चीन का मनमाना रवैया और भारत और जापान को आए दिन धमकियाँ देना चीनी मीडीया और उसके नेताओं का पसंदीदा शौक बन रहा है| चीन अमरीका को भी आँखें दिखा रहा है जिससे अमरीका, चीन के विरोधी देशों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है| सबसे बड़ी बात ये है की अभी तक रूस और अमरीका के बढ़ते संबंध भी चीन पर दबाव डालेंगे और आने वाले समय में इसके परिणाम भारत के पक्ष में जाते दिखेंगे| मनोहर पर्रीकर की ये फोन की बात बहुत दूर तक जाएगी और चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ाएगी!
भारतीयों ने चीन की नाक में किया बहिष्कार करके दम
ना बम ना मिसाइल पर फिर भी पाकिस्तान धराशायी!