आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जो की गोवा से पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं को कहते हुए पाया गया है की वो कम्यूनल नहीं हैं और ये भी की वो बीफ खाते हैं|
इनका नाम वाल्मीकि नायक है!
ये सब उन्होने आप की गोवा की रैली में कहीं| ये रैली दक्षिण गोवा के कुनकॉलिं में हुई थी|
OPIndia.com नाम की वेबसाइट इनका वीडियो डाला है जिसमें इन्होने बताया है की ईसाइयत से इनका परिवार कितना प्रभावित रहा है और कैसे उनकी बहन एक कान्वेंट स्कूल में पढ़ती थी| उन्होने ये भी बताया की उनकी बहन स्कूल से बाइबल के पर्चे लेकर आती थी| इसके बाद उन्होने बोला की मैं गौ माँस खाने वाला आदमी हूँ, मैं ये सबके सामने कहता हूँ| उनकी इस बात पर सभी तालियाँ बजाकर स्वागत करते हैं जिसके बाद वो ये कहते हैं की उन्होने पहली बार गौ माँस तब खाया था जब मेरे पिता बीफ घर लेकर आए थे और मुझे खिलाया| मेरे घर के पास एक बार था जिसमें बेहतरीन बीफ स्टू बनता था|
बीफ दरअसल गाय या भैंस दोनो के माँस के लिए भारत में इस्तेमाल होता है, पर क्यूंकी इन्होने आरएसएस का नाम लिया है, और उसको सांप्रदायिक (कम्यूनल) बताया है, तो इसका अर्थ क्या ये निकालें की ये गौ माँस को ही बीफ कह रहे थे?
चाहे वो गाय का हो या भैंस का, पर ये बात स्पष्ट हो गई है की आप वामपंथ के रास्ते पर चल चुकी है क्यूंकी गौ माँस त्योहार उसी के ही हथकंडे रहे हैं, और आप के नेता जब खुल कर ये कह रहे हैं तो ये भी सोचना होगा की इस पार्टी का पंजाब में क्या हाल होगा जहाँ गौ माँस पर पाबंदी है और आप यहाँ ख़ाता खोलने को उत्सुक है|
गोवा में ईसाई मज़हब के लोग बड़ी तादाद में रहते हैं|
शायद उनको लुभाने के लिए आप नेता ने ये बातें कहीं, पर वो ये भूल गये की गोवा ने ही मनोहर पार्रीकर जैसे को भी चुना, इसीलिए यहाँ की जनता को बीफ जैसी बात पर लुभाना इतना आसान नहीं है| बेहतर होगा ये गोवा की विकास की ही बात करते|
आप की विकट स्तिथि:
जहाँ गोवा में आप नेता बीफ खाने की बात करते हैं, वहीं हरियाणा में ये गौ के ऊपर होने वाली राजनीति को निशाना बनाने के लिए खूँटा बाँध अभियान शुरू करके बैठे थे क्यूंकी उनका दावा था की गौ रक्षा के ऊपर राजनीति की जाती है, पर जब आप के नेता खुद ही बीफ खाने की बात लोगों को खुद को सेक्युलर बताने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो क्या वो खुद ही गौ रक्षा को मुद्दा नहीं बना देते?
ये वीडियो आने के बाद इस पार्टी के नेता क्या बोलेंगे?
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