भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने उत्तर प्रदेश में हालात पर किए तीखे पर कटाक्ष

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भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जीत के लिए कमर कस ली है| और भारतीय जनता पार्टी  ने सबसे पहले अपने विरोधियों को निशाना बनाया है| भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान भारतीय जनता पार्टी  को उत्तर प्रदेश के हालत सुधारने की उम्मीद जैसा साबित करने का प्रयास किया|

जानिए की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने क्या क्या कहा:

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हाल पर माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा अखिलेश सरकार को जो कड़ी फटकार लगाई गई है, यह किसी भी संवेदनशील सरकार के लिए शर्मनाक है। एक ओर उत्तर प्रदेश की सेहत लगातार खराब हो रही है तो वहीं दूसरी ओर सपा, बसपा और कांग्रेस के परिवारों की सेहत लगातार अच्छी हो रही है, इनकी वेल्थ बढ़ रही है जबकि प्रदेश की हेल्थ खराब हो रही है। यह उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि जहां एक तरफ डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया ने प्रदेश को पूरी तरह से जकड़ रखा है, वहीं दूसरी तरफ मुलायम सिंह जी का परिवार और अखिलेश जी की सरकार नूरा कुश्ती में मस्त है। चूंकि अखिलेश सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से विफल साबित हुई है और उनकी विफलताओं पर मीडिया का ध्यान न जाए, जनता उन मुद्दों पर चर्चा न करे, इसलिए योजनाबद्ध तरीके से सपा सीरियल का हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। यह ड्रामा चुनाव के अंतिम चरण तक और ईवीएम में अंतिम वोट पड़ जाने तक चलता रहेगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 20 करोड़ यूपी वासियों की सेहत की नहीं बल्कि सपा परिवार की सत्ता की चिंता है। आज देशभर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डाक्टरों की सबसे ज्यादा कमी उत्तर प्रदेश में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्राइमरी हैल्थ सेंटर्स पर लगभग 3,497 डाक्टरों की आवश्यकता है जबकि फिलहाल तैनात सिर्फ 2,209 डाक्टर हैं, इस तरह लगभग 1,288 डाक्टरों की कमी है। अगर हम स्पेशलिस्ट डाक्टरों की उपलब्धता की बात करें तो उत्तर प्रदेश की स्थित और विकराल नजर आती है। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कम से कम 3,092 स्पेशलिस्ट डाक्टरों की आवश्यकता है जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि सिर्फ 484 स्पेशलिस्ट ही तैनात हैं। इस तरह राज्य में लगभग 2,608 स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी है। उत्तर प्रदेश के 20521 सब सेंटर्स में से लगभग 14291 सब सेंटर्स ऐसे हैं जहां हैल्थ वर्कर भी तैनात नहीं है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश की जनता को इलाज कराने के लिए कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। उत्तर प्रदेश के गांवों में तो इलाज का और अधिक अभाव है। कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 1,555 सीएचसी, 5,183 पीएचसी और 31,100 सब सेंटर्स की आवश्यकता है जबकि राज्य में मात्र 773 सीएचसी, 3,538 पीएचसी और 20,521 सब सेंटर्स ही उपलब्ध हैं। ऐसे में गांव के मजदूर, किसान, और गरीब को इलाज के लिए दूर-दूर भटकना पड़ता है। उत्तर प्रदेश में अस्पतालों के अभाव का परिणाम है कि देश में जहां एक अस्पताल पर औसतन 61 हजार लोगों के इलाज का बोझ है वहीं उत्तर प्रदेश में प्रति अस्पताल औसतन 2.54 लाख से अधिक लोग इलाज कराने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश की यह हालत इसलिए भी है कि प्रदेश की 80% आबादी को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। (आंकड़ें विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर हैं) इसके कारण प्रदेश में लगातार जानलेवा बीमारियाँ फैलती गई। प्रदेश में न तो आसानी से दवाइयां उपलब्ध हैं और न ही डॉक्टरों की ही उपलब्धता है, साथ थी बरसात के बाद दवाइयों का छिडकाव भी सही से किसी भी इलाके में नहीं हो पाया है, ऐसे में पूरा उत्तर प्रदेश आज कराह रहा है। यह रिपोर्ट अखिलेश यादव जी को आईना दिखाने वाली रिपोर्ट है।

माननीय हाईकोर्ट की टिप्पणी को यहाँ उद्धृत करना जरूरी है। डेंगू नियंत्रण में प्रशासनिक विफलता की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अखिलेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, “असंतुष्टि का कारण धारणा नहीं है बल्कि इसका आधार खुद राज्य सरकार की ओर से दाखिल किया हलफनामा है। राज्य सरकार संवैधानिक स्थिति को संभालने में पूरी तरह से विफल रही है। सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा व सफाई उपलब्ध कराने के अपने दायित्व को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही है, उत्तर प्रदेश में क्यों न राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।” यह भारतीय जनता पार्टी की टिप्पणी नहीं, माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी है।

भारतीय जनता पार्टी  की माँग अखिलेश यादव चुप्पी तोड़ें:

भारतीय जनता पार्टी श्रीमान अखिलेश यादव जी से मांग करती है कि यदि उनमें थोड़ी बहुत भी नैतिकता है तो हाईकोर्ट की इस कड़ी फटकार के बाद वे इस पर अपनी चुप्पी तोड़ें और अपना स्पष्टीकरण दें। बुलंदशहर गैंगरेप की शर्मनाक घटना पर जिस तरह से अखिलेश ने आजम खां का समर्थन कर इसे राजनीति से प्रेरित बताया, यह अपने आप में उनकी नैतिकता के पैमाने को रेखांकित करता है। खुफिया जानकारी के बावजूद जवाहर बाग़ के अंदर दिन-दहाड़े सिटी एसपी मुकुल द्विवेदी और ऐसओ संतोष यादव की भू-माफियाओं द्वारा हत्या कर दी जाती है, बरेली में गौ-तस्करों द्वारा एसआई मनोज मिश्रा की हत्या कर दी गई, मुजफ्फरनगर में पंचायत चुनावों के बाद एक 12 साल के मोहम्मद शमी को गोली मार दी गई और इन सभी घटनाओं पर अखिलेश चुप रहे। कम-से-कम हाईकोर्ट की फटकार के बाद तो अखिलेश इसपर अपनी चुप्पी तोड़ें। हम तो बहन मायावती जी से भी पूछना चाहते हैं और श्री मुलायम सिंह यादव जी से भी कि 15 सालों से उत्तर प्रदेश में आपकी सरकारें रही है फिर भी प्रदेश के लोग बीमारी से त्रस्त हैं जबकि आप अपनी संपत्ति बढ़ाने में व्यस्त हैं।

उत्तर प्रदेश की जनता ने 15 साल तक यूपी में कुशासन, अपराध, भ्रष्टाचार और लूट देखी है। 2012 में बहन मायावती जी की अराजकता एवं भ्रष्टाचार से तंग आकर यूपी की जनता ने अखिलेश सरकार को चुना था लेकिन सपा सरकार ने सूबे के लोगों को निराश ही किया है। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार बस कुछ ही दिनों की मेहमान है। प्रदेश की जनता 2012 में अखिलेश जी की बुआ को खारिज कर चुकी है और अब भतीजे अखिलेश को भी राज्य की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है। बस औपचारिकताएं रह गई हैं, वह भी ईवीएम पर बटन दबाते ही पूरी हो जायेगी। उत्तर प्रदेश की जनता सपा-बसपा और कांग्रेस की जुगलबंदी से मुक्ति चाहती है, राज्य में सुशासन चाहती है, विकास चाहती है, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक करना चाहती है और यह सब केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी की सरकार ही कर सकती है क्योंकि विकास ही हमारी पहचान रही है। जिन-जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, वहां विकास दर दहाई अंकों में है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सड़कें है, अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं हैं और अपराध न के बराबर है। अखिलेश सरकार की उत्तर प्रदेश से विदाई तय है, यूपी की जनता अब यह मन बना चुकी है।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में बनने जा रही है।

सपा और बसपा के शासनकाल में जितने भी घपले और भ्रष्टाचार हुए हैं, जिन जिन लोगों ने भी उत्तर प्रदेश की जनता की जज्बातों के साथ व उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ किया है, उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, हमारी सरकार दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। 15 साल से सपा, बसपा और कांग्रेस ने यूपी को बंधक बना रखा है, इनकी आपस में जुगलबंदी रही है, आज तक कोई सजा किसी को भी नहीं दी गई, सपा के अपराध पर बुआ पर्दा डालती आई हैं, बुआ जी के अपराध पर भतीजा पर्दा डालता है और इन दोनों के अपराध पर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में रहते हुए पर्दा डालती आई है।

भारतीय जनता पार्टी : बाकी की पार्टियाँ करती हैं केवल राजनीति|

सपा, बसपा और कांग्रेस ने केवल और केवल वोट बैंक और नोट बैंक की राजनीति की है। जब जवाब देने का समय आया है तो अखिलेश सरकार जनता को गुमराह करने के लिए एक स्क्रिप्टेड ड्रामे का मंचन कर रही है। सपा और बसपा की सांठ-गांठ अपराधियों और माफियाओं से रही है और ये हमेशा उनकी जुगलबंदी से ही चुनाव जीतते रहे हैं, इन लोगों की ताकत ही नहीं है अपराधियों व माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की।

सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने पर गुंडों को या तो गुंडई छोड़नी होगी या फिर उन्हें प्रदेश की सीमा छोड़नी होगी। अपराधियों, भ्रष्टाचारियों और दुराचारियों को तड़ीपार करने का काम हमारी सरकार करेगी, यह हमारा संकल्प है।

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