कठुआ गैंगरेप: टीवी पत्रकार यतेंद्र शर्मा ने बताई बड़ी साजिश

violence against women, India, rape, Hathras, Balrampur,

इंडिया न्यूज के असोसिएट एडिटर यतेंद्र शर्मा ने कठुआ गैंगरेप मसले पर कुछ दिलचस्प बातें बोली है। उन्होने कठुआ गैंगरेप मसले को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष कराने की बडी साजिश तक बताया है| हम उनकी बातों की पुष्टि नहीं कर सकते, इसीलिए उनकी कही बातों हम उन्ही के शब्दों में यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं:

“1- जिस मंदिर में गैंग रेप की बात कही जा रही है असल में वो देवस्थान है, जिसमें एक कमरा बना हुआ है और उस कमरे के तीन दरवाज़े तीन गाँवों की तरफ़ खुलते हैं जिनकी चाबी तीनों गांव वालों के पास रहती है।हर सुबह शाम उस कमरे में दीपक जलाया जाता है।और उस कमरे में छिपने या छिपाने की कोई जगह नहीं है तो ऐसे में ये कैसे हो सकता है कि कोई किसी बच्ची को उस कमरे में 8 दिन तक बंधक बना कर गैंगरेप करता रहे और किसी को कानों कान ख़बर भी ना हो जबकि रोज उस कमरे में कई कई लोगों का आना जाना लगा रहता है

2- बच्ची का शव जिस घर के सामने मिला उस घर के लोगों पर ही गैंगरेप और मर्डर का आरोप लगा दिया गया। क्या ऐसा संभव है कि 8 दिन तक बंधक बना कर रखने के बाद शव को अपने घर के बाहर ही कोई फैंक दे..जबकि मुख्य आरोपी रेवेन्यू ऑफीसर रहा है… उसका आरोपी बेटा भी अच्छा ख़ासा पढ़ा लिखा है..साथ ही पुलिस वाले भी इसमें आरोपी हैं…ऐसे में क्या इन सभी से ऐसी बेवक़ूफ़ी की उम्मीद की जा सकती है…!!!

3- जब बच्ची के शव को पॉस्टमॉर्टम के लिये भेजा गया तो  पॉस्टमॉर्टम करने वाले डॉ मुकुल (अगर नाम ग़लत नहीं है तो) ने प्रारम्भिक रिपोर्ट में ही साफ़ कर दिया था कि ये रेप का मामला नहीं है

4- गैंग रेप के मामले में सबूत के तौर पर देवस्थान से बच्ची के बाल का मिलना बताया जा रहा है। उस कमरे में अलग अलग महिलाओं के कुछ बाल मिले है जिनमें से केवल 1 बाल उस बच्ची का मिला है जिसकी बिना पर देवस्थान को अपमानित करने की साज़िश रची गई (1 बाल को कोई भी आसानी से कहीं भी प्लांट कर सकता है)

5- मुख्य आरोपी के जिस बेटे को गैंगरेप में आरोपी बनाया गया है वो घटना के समय मेरठ/मुज़फ़्फ़रनगर के कॉलेज में परीक्षा दे रहा था जिसका सबूत वहां उपस्थिति रजिस्टर भी है। और उसकी मोबाइल लोकेशन टके साथ साथ वो ATM मशीन जिससे उसने पैसे निकाले थे।

6- बताया गया कि पीड़ित परिवार धमकी के कारण घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं लेकिन सच्चाई इसके उलट है हकीकत ये है कि बक्करवाल समुदाय के लोग गर्मी के दिनों में पहाड़ों में चले जाते है बर्फ गिरते ही मैदानी इलाकों में वापस आ जाते हैं और ये समय उनके पहाड़ों की तरफ जाने का है…इसको ऐसे भी समझा जा सकता है कि जनवरी में ये घटना हुयी थी अगर पीड़ितों को धमकी मिल रही होती तो जनवरी या फरवरी में ही पलायन करने को मजबूर हो जाते..अप्रैल तक इंतजार नहीं करते।

7- जम्मू की एक महिला वकील की तरफ से ये आरोप लगाये जा रहे हैं कि उसको इस केस को ना लड़ने के लिये बार एसोसिएशन की तरफ से धमकी दी गई…जबकि इसमें सच्चाई ये है कि ये महिला वकील इस केस से जुड़ी हुई ही नहीं है तो फिर कोई क्यों धमकी देगा?

8- और सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या कोई बाप अपने बेटे और भांजे को बुलाकर ये कहेगा कि आओ और मेरे साथ इस 8 साल की लड़की का रेप करो और क्या इस घिनौने काम में पुलिस वाले भी शामिल हो सकते हैं? मुझे लगता है कि अभी तक हमारा समाज इतना नीचे नहीं गिरा है…

ये सारे तथ्य इशारा करते हैं कि ये बड़ी साजिश है घाटी में हिंदू -मुस्लिम संघर्ष कराने की….ये बडी साजिश है उस बक्करवाल मुस्लिम समुदाय को आर्मी के खिलाफ करने की जो हमेशा से भारतीय सेना का मददगार रहा है….ये बड़ी साजिश है देश में अमनचैन भंग करने की..
बच्ची के क़ातिलों को कड़ी सज़ा ज़रूर मिलनी चाहिये लेकिन साज़िश का पर्दाफ़ाश करके ना कि औछी और बँटवारे की राजनीति करके!”

कठुआ गैंगरेप पर हमारी राय: कठुआ गैंगरेप एक संवेदनशील मुद्दा है| जम्मू का हिंदू समाज लगातार कठुआ गैंगरेप में सीबीआई जाँच की माँग कर रहा है| पर महबूबा मुफ़्ती सरकार  कठुआ गैंगरेप एवं मर्डर की सीबीआई जाँच के मुद्दे पर कुछ भी कहने और करने से बचना चाहती है| बेहतर होगा की कठुआ  गैंगरेप एवं मर्डर में इंसाफ़ की तरफ कदम जल्दी से जल्दी उठाए जायें और दोनो पक्षों की बात ठंडे दिमाग़ से सुनी जाएँ| ऐसे लोग जो  कठुआ गैंगरेप एवं मर्डर पर अपनी चालें सोशियल मीडीया पर चल रहे हैं, उन पर भी नकेल कसना अब ज़रूरी हो गया है| जिन लोगों ने कठुआ कांड की बच्ची की तस्वीरें जारी हैं उन पर कार्यवाही तुरंत करना आवश्यक है|

कठुआ केस में एक अच्छा फ़ैसला आज आया है| दिल्ली हाई कोर्ट ने उन टीवी चैनलों पर 10-10 लाख का जुर्माना लगाया है जिन्होने कठुआ कांड  की बच्ची की पहचान बता डाली| लेकिन क्या इसको सोशियल मीडीया पर बैठे ‘चिंतकों’ पर लागू नहीं करना चाहिए जो  कठुआ कांड पर अपनी राजनीति गर्म करके बैठे हैं?

पत्रकारों के पीछे जाने से पहले, ज़रा कोई इन चिंतकों से निपटे|

असदुद्दीन ओवैसी : राम की प्रतिमा किसके पैसे से बनाई जा रही है?