ममता सरकार ने ज़ी न्यूज़ के एडिटर सुधीर चौधरी, रिपोर्टर पूजा मेहता और कैमरामैन तन्मय मुखेर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है|
सुधीर चौधरी ने ये बात बताई है और साथ ही साथ ये भी बताया की इस एफआईआर में बेल/ज़मानत मिलने का कोई ख़ास प्रावधान नहीं है जिससे ममता सरकार की नीयत का पता चलता है|
सुधीर चौधरी ने ममता सरकार की नीयत उजागर कर दी है जो पत्रकारों को प्रताड़ित करना चाहती है|
ममता सरकार ने ये कदम क्यूँ उठाया?
ज़ी न्यूज़ दरअसल ममता बनर्जी की नाक में दम करके बैठा है| धूलागढ़ दंगों में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचारों को दिखा कर उसने ममता बनर्जी की सख़्त प्रशासक की छवि को चोट पहुँचाई है इसीलिए ममता सरकार ने ये कदम उठाया|
.@MamataOfficial Govt files FIR against me& @ZeeNews reporter for covering #DhulagarhRiots with Non Bailable sections.FIR for showing truth?
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) December 27, 2016
सुधीर चौधरी तो मंझे पत्रकार हैं, वो इसको झेल जाएँगे पर पूजा मेहता मात्र 25 वर्षीय हैं जिनको ममता सरकार ने एफआईआर में लपेटा है|
पर ये भी छोड़ दीजिए, सवाल ये है की जो पत्रकार बिरादरी हर बात पर ‘मीडीया की स्वतंत्रता ख़तरे में है’ का शोर मचती फिरती है, वो अब क्या करेगी? ज़ी न्यूज़ के साथ ममता का ये बर्ताव सुधीर चौधरी ने ‘फ़ासिस्ट’ कह कर समझाया है, ये वही शब्द है जो ममता और उनके प्रतिद्वंदी आम तौर पर आरोपों के तौर पर आए दिन इस्तेमाल करते हैं जब उनको किसी को तानाशाह बताना होता है|
पर इस कार्यवाही के बाद क्या ममता सरकार इस शब्द का इस्तेमाल करने की अधिकारी होगी?
ये भी देखें: