ज़ी चेयरमैन सुभाष चंद्रा उड़ी के बाद के हालातों से दुखी हैं और उन्होने भी राष्ट्र की नब्ज़ समझते हुए पाकिस्तान के खिलाफ अपने तौर पर कदम उठाने का निर्णय लिया है|आपको पता होगा की ज़ी ज़िंदगी पाकिस्तान के कुछ कार्यक्रमों को भारत में दिखाता है| पर अब ज़ी के सुभाष चंद्रा ने साफ साफ कहा है की जल्दी इन कार्यक्रमों को बंद करने पर विचार होगा और साथ ही साथ ये भी कह गये की पाकिस्तानी कलाकारों को खुद ही यहाँ से चले जाना चाहिए| ज़ी के सुभाष चंद्रा ने ये सब नवाज़ शरीफ के भारत के खिलाफ सयुंक्त राष्ट्र संघ में ज़हर उगलने के बाद कहा है|
unfortunate stance of Mia Sharif at UN. Zee is considering stopping Zindgi programs from Pak,as well artists from there should leave
— Dr. Subhash Chandra (@subhashchandra) September 24, 2016
क्या ज़ी का कठोर रवैया ग़लत है? ठंडे दिमाग़ से सोचिए:
सबसे दुखद बात ये है की ये पाकिस्तानी कलाकारों ने आज तक भारत के खिलाफ आतंकवाद के पाकिस्तान के रवैये को नकारा नहीं है| प्रेम और कला की बात करने वाले ये लोग कभी ये नहीं बता पाये की आख़िर क्या कारण है की पाकिस्तान में हिंदू और सिखों या यहूदियों को आसानी से पाक सिनेमा में आज तक काम नहीं मिल पाया तो वो किस मुँह से भारत जैसे सेक्युलर देश से काम मिलने की उम्मीद करते हैं? कला और प्रेम की बात क्यूँ अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति इनके मुँह से नहीं निकलती?
मैने ज़िंदगी टीवी चलाकर नवाज़ शरीफ़ से किया वादा निभाया "जोड़े दिलो को" का नारा दिया। पर प्यार एक तरफ़ा नही हो सकता ना?
— Dr. Subhash Chandra (@subhashchandra) September 24, 2016
भारत में भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी और माता यशोदा दोनो को समान प्रेम देकर ये जता दिया था की इस राष्ट्र में जन्म देने वाली माता और पोषण करने वाली माता दोनो बराबर का दर्जा रखती हैं| हर भारतीय चाहे वो कहीं भी हो इस बात को कभी नहीं भूलता की जो धरा खाने को रोटी और जीने को बराबर का दर्जा दे वो माँ समान ही होती है, पर पाकिस्तानी कलाकारों को भारत के सिर्फ़ पैसे से प्यार है उनको यहाँ के लोगों के बहते हुए खून से कोई मतलब नहीं है| वरना कम से कम दो आँसू तो ये भी आतंकवाद से लड़ते लोगों के लिए बहाते|
इस लिहाज़ से ज़ी के सुभाष चंद्रा की बात सही लगती है| पहले अपने मुल्क के सैनिक की फ़िक्र हम सबको करनी चाहिए, बाद में किसी और की देखी जाएगी|