समाचार एजेंसी रॉयटरज़ द्वारा म्यांमार के रखीने प्रान्त में 10 रोहिंग्या मुसलमानों को उनके बौद्ध पड़ोसियों और फ़ौजियों द्वारा मारकर एक सामूहिक कब्र में दफनाये जाने की ख़बर छपने के बाद वहाँ की सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि सम्बन्धित सुरक्षा कर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जायेगी, हालाँकि उसने यह भी कहा है कि इसका रॉयटरज़ की रिपोर्ट के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि इस सिलसिले में 7 सैनिकों, 3 पुलिसकर्मियों, और गाँव के 6 लोगों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रवक्ता ने कहा है कि रॉयटरज़ की रिपोर्ट छपने से पहले ही इस सम्बन्ध में जाँच-पड़ताल शुरू कर दी गयी थी।
इससे पहले म्यांमार की सेना ने यह कहा था कि मारे गये 10 रोहिंगया मुसलमान 200 दहशतगर्दों के उस दल से सम्बंधित थे, जिन्होंने सुरक्षा बलों पर हमला किया था।
समाचार एजेंसी रॉयटरज़ की तरफ़ से म्यांमार में की जा रही जाँच-पड़ताल की वजह से पुलिस ने रॉयटरज़ के दो पत्रकारों को ग्रिफ्तार कर लिया है। ये दोनों पत्रकार म्यांमार के ही नागरिक हैं।
म्यांमार में रोहिंगया मुसलमानों के क़त्लेआम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज़ उठाई गई है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस क़त्लेआम को नस्लकुशी करार दिया है।
म्यांमार में पिछले साल एक सामूहिक कब्र से 28 हिन्दुओं की लाशें मिलीं थीं। तब म्यांमार की सेना ने यह कहा था कि इन हिन्दुओं का क़त्लेआम एक रोहिंग्या मिलिटेंट ग्रुप ने किया है।
म्यांमार में हिंसा का शिकार होने वाले हिन्दुओं पर मैं पहले भी एक लेख अफ़ग़ान और बर्मी हिन्दू-सिख लिख चुका हूँ।
हम यह नहीं जानते कि कितने हिन्दू म्यांमार में मार डाले गये हैं। हम यह भी नहीं जानते कि उनको कौन-कौन मार रहा है।
इस वक़्त यह जाँच करने की सख़्त ज़रूरत है कि म्यांमार के रखीने प्रान्त में हिन्दुओं के क़त्ल किसने किये थे। ऐसी ख़बरें आती रही हैं कि हिन्दुओं को म्यांमार सेना और उसकी हिमायत-प्राप्त गिरोहों के ज़ुल्म का शिकार होना पड़ा है।
इस बात की बहुत सम्भावना है कि हिन्दुओं के क़त्ल किसी और ने किये हों और उनका इल्ज़ाम रोहिंग्या दहशतगर्दों पर लगा दिया गया हो। हिन्दुओं के क़त्लों के लिये ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा देने के लिये यह ज़रूरी है कि हिन्दुओं के क़त्लों के सभी मामलों की किसी निष्पक्ष जाँच एजेंसी से जाँच कराई जाये।
साथ ही साथ समाचार एजेंसी रॉयटरज़ के ग्रिफ्तार किये गये दोनों पत्रकारों को भी तुरन्त रिहा किया जाये।