दिल्ली, जून 13, 2016: लता मंगेशकर अस्पताल, नागपुर , में एक महिला ने एक हर्लेक्विन शिशु को जन्म दिया है| और ये शिशु एक बालिका है जिसका जन्म सीजेरियन तकनीक़ की सहयता से हुआ है|
इस बच्ची को वंशानुगत कारणों से हर्लेक्विन रोग हुआ है, और अगर इसकी माता ने पहले से ही इलाज कराया होता तो शायद ये बच्ची भी पूरी तरह से स्वस्थ पैदा होती क्यूंकी ये बीमारी कई लाखों में किसी एक को ही होती है|
इस बच्ची की आँखें और होंठ बेहद लाल हैं और इसके शरीर पर कोमल शिशु त्वचा है ही नहीं| हर्लेक्विन का ये पहला मामला है भरा में और डाक्टर इसको समझने के प्रयास कर रहे हैं|
हर्लेक्विन एक दुर्लभ और अनुवांशिक त्वचा से संबंधित रोग है, जिसमें बाहरी खाल की सबसे बाहरी परत यानी ‘स्ट्रेटम कॉर्नियम’ अत्यधिक मोटी हो जाती है एवं इसमें बच्चे की आंखें, कान, इत्यादि बाहरी हिस्से सिकुड़ जाते हैं।
1984 में पाकिस्तान और 1994 में अमरीका में भी ऐसी ही समस्या से ग्रसित बच्चों का जन्म हुआ था पर उनके बारे में और ज़्यादा जानकारी किसी के पास नहीं है|
दिक्कत ये है की इस रोग का कोई भी उपचार अभी तक नहीं है और जो भी उपाय किए जाएँगे उनसे केवल बच्ची को ज़िंदा भर ही रखा जा सकता है|
चित्र साभार: ट्विटर