कई लोग इस यजीदी लड़की का चेहरा देख कर मुँह फेर लेंगे| कई लोग इस यजीदी लड़की को देख कर घिन खायेगे पर इस लड़की को देख कर बहुत कम ही कहेंगे की ये बहुत बहादुर है और ये दुनिया बहुत कायर|
16 वर्षीय यासमीन एक यजीदी लड़की है जिसके बलात्कार की चीखों को मनुष्य जाती ने अनसुना कर दिया| मात्र 16 वर्ष की ये बालिका यजीदी है तो ज़ाहिर इसकी इज़्ज़त इसके मान की किसी को नहीं पड़ी होगी| ये लड़की मात्र एक सेक्स स्लेव है, मतलब वो स्त्री जिसके जिस्म से खलेना इस्लामिक स्टेट की नज़र में पूर्णत: जायज़ है|
इसके साथ वीभत्स बलात्कार एक आम बात थी| इतनी बार इसका बलात्कार हुआ की इस 16-वर्षीय ने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली, इस उम्मीद में की जब चेहरा और शरीर ही बदसूरत हो जाएगा, तो कौन इसकी तरफ मुड़ कर देखेगा|

इस लड़की की सूरत से अब लोग घिन खाते हैं पर इसको किसी की परवाह नही है, क्यूंकी इस्लामिक स्टेट के हाथों होने वाले बलात्कार से तो ये कम से कम बच ही गयी है| पर सवाल ये है की आख़िर समाज और पूरी मानव जात क्यूँ इन मासूमों के साथ होने वाले अत्याचारों पर चुप है? यजीदी विश्व के सबसे छोटे वर्गों में से एक है और इस्लामिक स्टेट की नज़र में ये काफ़िर है इसीलिए इनके साथ ये सब करना उसकी नज़र में जायज़ है| चलिए वो तो ठहरा एक आतंवादी संगठन, पर बाकी विश्व का क्या? कहाँ गये वो जो आतंकवादियों के मानव अधिकारों के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं?
यजीदी लड़कियों ने आतंकवादियों को उनसे सेक्स नहीं करने दिया तो उनको ज़िदा जला दिया|
इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने जिनमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के निचले दर्जे के आतंकी हैं उन्होने 19 यजीदी लड़कियों को लोहे के पिंजरे में बंद करके ज़िंदा जला दिया| ये उन्होने तब किया जब लड़कियों ने अपनी इज़्ज़त और आबरू बचाने के लिये भागने की कोशिश की और उनको अपना शरीर नहीं छूने दिया| जब बार बार बोलने पर भी ये नहीं मानी तो इनको ज़िंदा जला दिया गया| इनमें से कुछ लड़कियाँ 9 और 6 साल की भी थीं|
इन लड़कियों को पहले इनके पिता, माता और भाइयों से अलग करके इस्लामिक स्टेट ने पूरे परिवारों की हत्या करके दहलाने की कोशिश की पर ये तब भी नहीं मानी|
यजीदी लड़कियों को उनके परिवार से अलग करके उनको साथ ले जाते इस्लामिक आतंकवादी:
यजीदी सामाज की त्रासदी और भारत
यजीदी समाज ने भारत के हिंदुओं से मदद की गुहार लगाई थी| उन्होने भारत सरकार से भी मदद माँगी थी और श्री श्री रविशंकर उनकी मदद को आगे भी आये हैं| पर सवाल ये भी है की भारत से जो लड़के लड़कियाँ भाग कर जा रहे हैं, क्या उनको ये नहीं पता की यजीदी समुदाय के साथ क्या किया जा रहा है?

या वो यही करने की ट्रेनिंग लेने के लिए वहाँ जा रहे हैं? भारत के खिलाफ आखरी लड़ाई और गज़वा-ए-हिंद की बात कोई नयी नहीं है, जो लोग यह कहते फिरते हैं की हस्ती नहीं मिटती हमारी…वो ये भूल गये की उनकी हस्ती पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान से पहले ही मिट चुकी है और बांग्लादेश और कश्मीर से मिटने का अंदेशा है| इसीलिए बेकार बयानबाज़ी को छोड़ कर देश की सुरक्षा को मज़बूत करने का कार्य करें और यज़िडी, यहूदी, हिंदू, सिख, मुस्लिम, ईसाई और हर अल्पसंख्यक समुदाय जो इस्लामिक स्टेट जैसी ताकतों की नज़र में है उनको सहयता दी जाये|
