सरस्वती नदी अब नहीं रही सिर्फ़ कहानी, बनी सच्चाई!

सरस्वती नदी, River Saraswati, Haryana,

इस शुक्रवार को एक अजूबा हुआ ! हरियाणा सरकार ने सरस्वती नदी को जीवित कर दिया!

अब जानिए की ये करिश्मा हुआ कैसे क्यूंकी सरस्वती की धारा तो 4000 पहले ही सूख चुकी थी! दरअसल हरियाणा ने 100 कुसेक पानी को ट्यूबवेल के सहारे उन्नचा चंदना गाँव, यमुननगर, हरियाणा में डाला|

अब सरकार का ये कहना है की इससे कुरुक्षेत्र, जी हाँ महाभारत वाला ही, तक जो की 40 किलोमेटर  दूरहै, तक ये पानी वाटर चेनल को भर देगा|

सरस्वती हेरिटेज डेवेलपमेंट बोर्ड ने इसका परीक्षण जुलाई 30 को किया था|

इंडियन एक्सप्रेस ने अनिल कुमार गुप्ता, चीफ इंजिनीयर, हरियाणा इरिगेशन दफ़्तर से जब बात की तो उन्होने बताया की एक बार कुरुक्षेत्र तक ये धारा फिर से जीवित हो उठे तो वो 100 कुसेक पानी आने वाले 15 दिनों में और डालेंगे|

इसका लाभ हरियाणा की जनता को होगा क्यूंकी सरकार अब इस पर 3 बांध बनाने की भी सोच रही है, जिससे पानी इस धारा में हमेशा रहेगा|

सरस्वती, गंगा और यमुना इन तीनों की तिकड़ी को भगवान का वरदान माना जाता रहा हैं हिंदू सभ्यता में पर सरस्वती के लुप्त हो जाने के बाद कई लोगों को लगा की शायद ये केवल कोई किस्सा या कहानी ही थी|

गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन को ही त्रिवेणी संगम कहा जाता है|

पर अब ये नदी फिरसे भारत की धारा पर अठखेलियान, ऐसी उम्मीद हरियाणा की सरकार को ही नहीं, पूरे देश की जनता को है|