क्या चीन भारत पर सर्जिकल स्ट्राइक के मूड में है?

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चीन की तरफ से लगातार होती उग्र भाषंबाज़ी और हाल ही में उसकी चमोली में घुसपैठ से उसके युद्ध के प्रति उन्माद को समझा जा सकता है| चीन भारत से इस बात पर भी खफा है क्यूंकी भारतीय सेना ने डॉक्लम में उसको जबरन भूटान के हिस्से पर क़ब्ज़ा करने से रोका हुआ है|

वहाँ का मीडीया लगातार भारत पर हमला करने की चेतावनी दे रहा है, जैसे की ‘गीव इंडिया आ ब्लडी नोस’, यानी की भारत को घायल करो|

ऐसे में हमारे कई पत्रकार ऐसे हैं जो देश को केवल एक ही तरह की बातें बता रहे हैं| ऐसे ही कुछ पत्रकारों की आँखें खोलने का काम भाजपा नेता सुब्रमणियाँ स्वामी ने किया है| अपनी स्पष्ट बातों के लिए मशहूर स्वामी ने साफ साफ शब्दों मे ‘लुटेयन’ बुद्धिजीवी वर्ग को निशाना बनाया है और कहा है की ये बुद्धिजीवी चीन के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बढ़ते उन्माद को कम करके आंक रहे हैं जबकि भारत को अमरीका के सपोर्ट का बढ़ा चढ़ा कर बता रहे हैं| हमें सही तरह से बात को समझने की ज़रूरत है|

एक सवाल के जवाब में स्वामी ने पूछा की युद्ध या सर्जिकल स्ट्राइक की कोशिश अगर होती है तो क्या हम पलट कर वार करेंगे?

उन्होने 1962 की बात पर कहा की वो नेहरू की बिना तैयारी के युद्ध में कूदने की वजह से हुआ|

स्वामी ने एक सवाल के जवाब में भारतीयों को कुछ चीज़ें साफ करने का भी काम किया, जैसे, कुछ लोग अमरीका, इज़रायल, और रूस का नाम बार बार लेकर कह रहे थे की भारत के बहुत सारे ‘समर्थ’ दोस्त हैं|

इस पर स्वामी ने लोगों को याद दिलाया की रूस तो चीन का भी  बहुत बढ़िया मित्र  है और वो तो पाकिस्तान को हथियार तक बेच रहा है|

स्वामी की बातें शायद कड़वी लगें, पर उनका कद बहुत बड़ा है और अगर वो ये सब कह रहे हैं तो साफ है की वो भी इस मुद्दे पर नज़र रख रहे हैं और ये एक बहुत अच्छी बात है |