लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन जो की भारतीय सेना से रिटायर हो चुके हैं अब जम्मू और कश्मीर में जल्दी ही गवर्नर के रूप में भेजे जा सकते हैं|
अभी गवर्नर पद पर स्थापित एन एन वोहरा को केंद्र जल्दी ही कहीं और रवाना करके सैयद अता हसनैन की लाने की कोशिश में है|
अपनी बेबाकी और भारत की भारत के रक्षा मामलों में अच्छी जानकारी रखने वाले सैयद अता हसनैन कश्मीर की ख़ासी जानकारी रखते हैं क्यूंकी उन्होने वहीं काम किया है और उनके नाम से आतंकी आज भी काँपते हैं|
हाल ही में जब सोशियल मीडीया पर ये खबर चल रही थी की कश्मीर के मार्तंड सूर्य मंदिर पर हमला हो गया है तब सैयद अता हसनैन ने ही लोगों को शांत करते हुए बताया था की ये खबर झूठी है और इसका प्रायोजन देश में चिंगारी भड़काने का है| उन्होने पाकिस्तान के नापाक इरादों से भी जनता को आगाह रहने को कहा था और ये भी कहा था की वो भगवान शिव के सामने सिर झुका चुके हैं क्यूंकी हर धर्म की इज़्ज़त करनी चाहिए|
मोदी सरकार को अब वैसे भी एक ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो महबूबा मुफ़्ती को सहारा दे सके|
महबूबा मुफ़्ती गुस्से में आईं, सैयद अता हसनैन का जाना ज़रूरी
महबूबा मुफ़्ती ने पत्रकारीं से वार्ता में जो गर्मी दिखाई वो आने वाले समय के लिए सरकार का रुख़ बताती है| राजनाथ सिंह के साथ प्रेस कांफ्रेंस में महबूबा मुफ़्ती एक दम से भड़क उठीं और बोलीं की 5 प्रतिशत लोग कश्मीर में आतंक मचा रहे हैं और हम उन्हीं की बात कर रहे हैं, क्या हमें 95 प्रतिशत पर ध्यान नहीं देना चाहिए?
महबूबा इस बात पर भड़की जब पत्रकारों ने आज के समय के कश्मीर की तुलना 2010 के कश्मीर से कर डाली थी|
राजनाथ सिंह के शांत करने के प्रयासों से भी उनका खून का उबाल ठंडा नहीं हुआ|
उनके गुस्से का अंदाज़ा कुछ इस तरह से लगाया जा सकता है की उन्होने लगभग आवाज़ उँची करके कहा की लोग सड़कों पर आए, हमने कर्फ़्यू लगाया, 15 साल के लड़के जो पोलीस स्टेशन पर हमला कर रहे थे क्या वो वहाँ दूध लेने गये थे?
राजनाथ सिंह की तरफ इशारा करते हुए वो बोलीं: मुझे क्या बोलेंगे ये सर, मैंने इनके बच्चों को बचाया है टास्क फोर्स से! ये कहने के बाद महबूबा पत्रकारों से बोलीं शुक्रिया अब चाय पीजिए और उठ कर चली गयीं|

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