ज़ाकिर नाइक से भारत ही नहीं, मलेशिया भी परेशान

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ज़ाकिर नाइक का नाम बांग्लादेश के आतंकवादी हामले से जुड़े होने की बात खुलते ही काई लोगों को ये लगने लगा है की ज़ाकिर नाइक भारत के साथ साथ बांग्लादेश की सरकार को भी परेशान करने लग गया है| पर उन्हें शायद ये नहीं पता की ज़ाकिर नाइक अब केवल भारत के आस पास ही नहीं बल्कि दूर मलेशिया तक अपनी पहुँच बना चुका है और उसका इस्लामिक जगत के कई हलकों में काफ़ी पहुँच भी है|

मलेशिया की बात करें तो हीन्ड्राफ (हिंदू राइट्स एकशेन फोर्स) नाम के सामाजिक संगठन ने तो ज़ाकिर नाइक के खिलाफ बहुत समय से मोर्चा खोला हुआ है|

यहाँ आपको बता दें की ज़ाकिर नाइक का ऐसा जादू मलेशिया में चला था की उनको एक द्वीप तक दान में देने की बातें होने लग गयी थी| इस द्वीप पर उसका स्कूल खुलवाने की बात होने लगी जिनमें वो अपनी मानसिकता और विचारों को बढ़ावा देता और कम से कम 6 अपने जैसे और लोगों को तैयार करता|

यहाँ तक उसकी पहुँच थी की मुस्लिम बहुल मलेशिया के प्रधानमंत्री तक ने उसके साथ खाना खाया था जबकि पेरलीस एवं पेर्कासा के मुफ्तियों ने उन लोगों को चेतावनी भी दे डाली थी जो इस्लामिक कार्यों में अपने विचार रख रहे थे| वेयता मूर्ती जो की हीन्ड्राफ के चेयरमैन हैं उन्होने ज़ाकिर नाइक के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी है पर तब भी मलेशिया को वो कट्टरपंथ से बचा नहीं पाए और यहाँ अब अल्पसंख्यकों का दर्जा दोयम किस्म का ही रह गया है जहाँ कभी क्रिस्चियन समुदाय को अल्लाह बोलने से रोका जाता है, कहीं पर जबरन धर्म परिवर्तन होते हैं और कहीं पर मंदिरों में तोड़-फोड़ की जाती है|

मतलब हीन्ड्राफ भले ही ज़ाकिर नाइकको रोकने में कामयाब हुआ हो, पर उसकी विचारधारा को रोकने में वो नाकामयाब ही साबित हुआ है, अब देखते हैं की भारत और बांग्लादेश कैसे रोकते हैं कट्टरपंथ को|