धर्म में राम नाम के व्यक्तित्व एवं उनकी महिमा!

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भारतीय पौराणिक कथाओं में ऐसे तीन महात्माओं का विस्तार से ज़िक्र आया है, जिनका नाम ‘राम’ था। इन तीनों को परम्परागत भारतीय समाज ने बहुत आदर दिया है। ये तीन महान आत्माएं हैं, भृगुवंशी महर्षि श्री जमदग्नि के महाबली सपुत्र श्री राम, रघुवंशी महाराज दशरथ के महाबली सपुत्र श्री राम, और वृष्णिवंशी श्री वसुदेव के महाबली सपुत्र श्री राम।

इन तीनों को भगवान कहा गया है। इन तीनों को विष्णु भगवान का अवतार कहा गया है। इन तीनों ने भीषण युद्ध लड़े।

भृगुवंशी श्री राम को भृगुवंशी होने की वजह से भार्गव राम और महर्षि श्री जमदग्नि के सपुत्र होने की वजह जामदग्न्य राम या सिर्फ़ जामदग्न्य के नाम से भी जाना जाता है। उनका प्रिय शस्त्र परशु (कुहाड़ा) होने की वजह से लोक में वह भगवान श्री परशुराम के नाम से प्रसिद्ध हैं। पुराणों में उन्हें भगवान विष्णु के बहुमान्य दस अवतारों में छठा अवतार कहा गया है।

रघुवंशी श्रीराम को महाराज दशरथ के सपुत्र होने की वजह से दाशरथि राम भी कहा जाता है। यही राम सबसे प्रसिद्ध हैं। भगवान विष्णु के बहुमान्य दस अवतारों में सातवें अवतार इन्हीं भगवान श्रीराम को माना गया है।

वृष्णिवंशी श्री वसुदेव के सपुत्र श्री राम को अधिकतर बलभद्र या बलराम के नाम से जाना जाता है। वे भगवान विष्णु के बहुमान्य दस अवतारों में से आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई हैं। पुरातन परम्परा में इन्हें भी विष्णु अवतार माना गया है, हालांकि वे शेषनाग के अवतार के तौर पर अधिक प्रसिद्ध हैं।

इन तीनों अवतारों में से सबसे अधिक प्रसिद्धि दाशरथि श्रीराम को ही मिली है। वैष्णव, जैन, बौद्ध, और सिख, इन चारों ही पन्थों के धर्म-ग्रंथों में श्री राम का ज़िक्र मिलता है।

वैष्णव पन्थों में दाशरथि श्री राम को भगवान विष्णु के बहुमान्य दस अवतारों में गिना गया है। वे विष्णु के सातवें अवतार हैं।

जैन कथाएं वैष्णव कथायों से कुछ भिन्न हैं, लेकिन श्रीराम उन कथायों में भी नायक हैं। जैन धर्म के 63 शलाकापुरुषों और 9 बलभद्रों में श्रीराम का भी शुमार होता है।

बौद्ध धर्म की जातक कथायों में भी श्रीराम का ज़िक्र मिलता है। उस अनुसार श्रीराम एक तपस्वी हैं, जो राजा बने। उनको बुद्ध का ही पूर्व अवतार माना गया है।

सिख ग्रन्थों में भी राम कथा का ज़िक्र हुआ है। गुरु ग्रन्थ साहिब में कई जगहों पर राम का ज़िक्र मिलता है। दशमग्रंथ में विष्णु के 24 अवतारों की कथा में रामकथा काफ़ी विस्तार से दी गई है।

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श्रीराम चाहे विष्णु के अवतार हैं या 9 बलभद्रों में से एक या बुद्ध का ही पूर्व अवतार; वैष्णव, जैन, बौद्ध, और सिख परम्पराओं में महाराज राम को नायक ही माना गया है। यह एक तथ्य है।

किन्तु, आश्चर्य है कि पिछले कुछ दशकों से ऐसे हिन्दू, बौद्ध, और सिख देखने को मिल रहे हैं, जो रावण को नायक सिद्ध करने की भरपूर कोशिश में लगे हुये हैं। क्या ये लोग नहीं जानते कि इन्हीं के धर्मग्रंथों में नायक श्री रामचन्द्र हैं, न कि रावण?

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About Amrit Pal Singh 'Amrit'

Amrit Pal Singh 'Amrit' is a Sikh urban hermit. He writes and delivers talks on topics ranging from dharma, peace, human rights and universal brotherhood to the ancient history of India, Indian nationalism, and Indian society. Amrit’s parents and family were originally from the Hazara Division, Khyber Pakhtunkhwa Province, now in Pakistan. His family was forced to flee, alongside many others, to ‘azad’ (free) Indian in 1947 following the bloody massacre of Hindus and Sikhs during the partition.